Wednesday, September 22, 2010

एक अकेली औरत संघर्ष पथ पे

एक अकेली औरत
संघर्ष पथ पे
बहुत मुश्किलें हैं
पग पग पे
रास्ते कठिन
ना संगी साथी
ना सखा सहेली
कभी देनी पड़ती
बेटी, बहन होने की परीक्षा
कभी देनी पड़ती
बहू पत्नी होने की परीक्षा
हर युग में देनी पड़ी
क्यूँ तुझे औरत होने की परीक्षा
कभी दी सीता बनके अग्नि परीक्षा
कभी तुझे सती होना पड़ा
पति की चिता पे
कभी तुझे विधवा होने पर
हरिद्वार रहना पड़ा
कभी दासी प्रथा के नाम पर
मंदिरों में चढ़ा दी गई पुजारीओंको
कभी तुझे मारना पड़ा
"ओनर किल्लिंग" के नाम पे
फिर भी नहीं हारी
निरंतर चली जा रही
आगे ही आगे बढ़ती जा रही

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