Thursday, September 23, 2010

कुछ मुहावरे ऐसे भी

हे सखी,
चल नाचते हैं!!
गाते हैं,
गुनगुनाते हैं!!
कैसे गाऊँ,
कैसे गुनगुनाऊं!!
गला मेरा खराब,
पांवों में है दर्द!!
मैं तो नाचना,
जानती नहीं!!
गाना गुनगुना,
जानती नहीं!!
इसलिए कहते हैं,
नाच ना जाने,
आँगन टेडा!!

चल बेटा उठ जा,
ताज़ा दम हो जा,
फिर स्कूल जा!!
माँ मुझे स्कूल,
नहीं जाना!!
मैं हूँ बहुत बीमार,
यह तेरा रोज़,
का बहाना!!
तुझे घर पे,
करना है आराम!!
इसलिए कहते हैं,
आलसी एक,
बहाने अनेक!!

कितने मीठे मीठे आम,
लगे हैं पेड़ पे!!
चल दोस्त इसे तोड़े,
तू चढ़ मेरी पीठ पे!!
रहने दे यार,
तू क्यूँ इन्हें,
करता है खराब!!
यह हैं कच्चे आम,
इन्हें खा कर,
नहीं करना गला खराब!!
इसलिए कहते हैं,
हाथ ना पाहूंचे,
थू कोड़ी!!

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