Saturday, September 25, 2010

यह कच्चे धागे से जुड़े रिश्ते

राखी का दिन आया
खुशियाँ ढेर सारी लाया
कुछ के लिए गम भी लाया!!
आज कुछ आँखें हैं नम
दिल में छिपाए ढेर सारे गम!!
कहीं बहने रोती राखी बाँधने को
कहीं भाई तरसते राखी बंधवाने को!!
आज यह रिश्ते भूल गये
राखी दिवस को
उस के अपनत्व को!!
राखी दिवस को तोल दिया पैसों से
राखी के धागे को रोंध दिया,
अपने अहंकार के पायों से!!
यह मतलब की दुनिया
यह मतलब के रिश्ते
यह कच्चे धागे से जुड़े रिश्ते!!
क्यूँ टूट जाते हैं कुछ बातों से,
क्यूँ बिखर जाते हैं कुछ पल में!!

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