Friday, October 8, 2010

फूल तेरी किस्मत है किया

फूल तेरी किस्मत है किया
ख़िला और डाली से तोड़ दिया

भंवरे आते
रस पीते
उड़ जाते

कुछ पवित्र हाथों ने तुझे तोड़ा
देवी देवताओं को अर्पण कर दिया

कुछ शरारती आए
तुझे तोड़ा
हाथों से मसला
और मिट्टी में मिला दिया

कुछ हाथों ने तुझे तोड़ा
धागे में परोया
माला गूँथी
और शहीदों की मूर्तियों को चढ़ा दिया

कुछ ने अपने बालों का शिंगार बना लिया
कुछ ने इसे अपनी कुत्सित हसरतों के लिए
हाथों में बांदा और वेश्याओं पर लूटा दिया

कुछ ने इसे अपने प्यार को समर्पित कर दिया
कुछ ने इसे अपने घर की शोभा बना लिया

फूल तेरी किस्मत है किया
खिला और डाली से तोड़ दिया
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