कुछ लोग कितने खोखले होते हैं
जुबान पे कुछ दिल में ज़हर बोते हैं
रख मुंह में कई मिश्री के टुकड़े
दिल में नफ़रत के तीर चुभोते हैं
कहते हैं सत्य बोलते रहो तुम सब
फिर भी झूठ उनके पालने में होते हैं
लगा के चेहरे पे संतों के मुखौटे कई
आतंकित शैतान से बगल में होते हैं
रखते बगल में छूरी 'दोस्तों'
मुंह में राम नाम गुन होते हैं
मौक़ा देख मारते हैं छूरा पीठ पे
ऐसे लोग भी इस जहां में होते है
जुबान पे कुछ दिल में ज़हर बोते हैं
रख मुंह में कई मिश्री के टुकड़े
दिल में नफ़रत के तीर चुभोते हैं
कहते हैं सत्य बोलते रहो तुम सब
फिर भी झूठ उनके पालने में होते हैं
लगा के चेहरे पे संतों के मुखौटे कई
आतंकित शैतान से बगल में होते हैं
रखते बगल में छूरी 'दोस्तों'
मुंह में राम नाम गुन होते हैं
मौक़ा देख मारते हैं छूरा पीठ पे
ऐसे लोग भी इस जहां में होते है
रखते बगल में छूरी 'दोस्तों'
ReplyDeleteमुंह में राम नाम गुन होते हैं
मौक़ा देख मारते हैं छूरा पीठ पे
ऐसे लोग भी इस जहां में होते है
jyoti ji kya sachchai kahi hai aajkal ke mansikata par... sunder prastuti.