नदिया किनारे
बैठा एक शख्स
उदास
गहरी चिंता में
डूबा हुआ
उठाता पत्थर
फेंकता पानी में
एक गहरे द्वन्द
में
फंसा हुआ
बडबडाता जा रहा
एक झटके से उठा
झट से पानी में
कूद पड़ा
पानी बहुत उपर
उछला
कुछ क्षण
बाद
शांत स्थिर
कोई हलचल नहीं
ये क्या हुआ ?
उसने ये क्या किया
खुद को समाप्त कर लिया
क्यूँ ?
इतना उचाट हो चूका था
वो इस दुनिया से
इतना ऊब चूका था
अपनी जिन्दगी से
आत्महत्या करके
वो मुक्त हो गया
इस जिन्दगी के
तमाम दुखों ,झमेलों से
क्या सच में ऐसा हुआ ?
जो पीछे रह गए
उनका क्या हुआ
वो कैसे रह पायेंगे ?
कैसे सह पायेंगे ?
इतना बड़ा दुःख
अब क्या वो भी
मर जाएँ
उसके साथ
खुद को समाप्त करलें ?
क्या होगा उन बूढ़े माँ बाप का
छोटे छोटे बिलखते बच्चों का
सूनी पड़ चुकी उस मांग का
अब सिंदूर भरने वाला जो नहीं रहा
क्यूँ नहीं सोचा उस ने इन सब के
दुखों का
मर के वो कौन सा सुख दे गया
और अपनी करनी का
फल अपनों को
दे गया
बैठा एक शख्स
उदास
गहरी चिंता में
डूबा हुआ
उठाता पत्थर
फेंकता पानी में
एक गहरे द्वन्द
में
फंसा हुआ
बडबडाता जा रहा
एक झटके से उठा
झट से पानी में
कूद पड़ा
पानी बहुत उपर
उछला
कुछ क्षण
बाद
शांत स्थिर
कोई हलचल नहीं
ये क्या हुआ ?
उसने ये क्या किया
खुद को समाप्त कर लिया
क्यूँ ?
इतना उचाट हो चूका था
वो इस दुनिया से
इतना ऊब चूका था
अपनी जिन्दगी से
आत्महत्या करके
वो मुक्त हो गया
इस जिन्दगी के
तमाम दुखों ,झमेलों से
क्या सच में ऐसा हुआ ?
जो पीछे रह गए
उनका क्या हुआ
वो कैसे रह पायेंगे ?
कैसे सह पायेंगे ?
इतना बड़ा दुःख
अब क्या वो भी
मर जाएँ
उसके साथ
खुद को समाप्त करलें ?
क्या होगा उन बूढ़े माँ बाप का
छोटे छोटे बिलखते बच्चों का
सूनी पड़ चुकी उस मांग का
अब सिंदूर भरने वाला जो नहीं रहा
क्यूँ नहीं सोचा उस ने इन सब के
दुखों का
मर के वो कौन सा सुख दे गया
और अपनी करनी का
फल अपनों को
दे गया
आदरणीय भावनाएं जी..
ReplyDeleteनमस्कार जी
भावुक...लाजवाब...मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्ति....
दर्द भरे जज़्बात में डूबी सी.....
पहली बार पढ़ रहा हूँ आपको और भविष्य में भी पढना चाहूँगा सो आपका फालोवर बन रहा हूँ ! शुभकामनायें
ReplyDeleteसच आत्महत्या करने वाला ऐसा कुछ नही सोचता अगर सोचे तो करे ही नही।
ReplyDeletethought provoking ...
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