Monday, May 21, 2012

माँ बेटी का रिश्ता

जब एक औरत माँ बनती है तब वह संपूर्ण हो जाती है. माँ और बच्चे का रिश्ता दुनियाँ के सभी रिश्तों से विशिष्ट और पवित्र रिश्ता है. एक माँ और पुत्री का रिश्ता तो बहुत ही खूबसूरत और खुदा सा पवित्र होता है जिस दिन एक नन्ही परी उसकी कोख से जन्म लेती है तो एक औरत खुद पे गर्व महसूस करती है क्योंकि एक बेटी के रूप में उसने फिर से खुद जन्म लिया, ऐसा उसे आभास होता है और एक बेटी के रूप में वो अपना बचपन फिर से जीती है. संतान असीम संभावनाओं का मानचित्र खींचती है जीवन में. अनेक सपनों को जन्म देती है...जो बहुत ही सुंदर और मन में स्फूर्ति भरने वाले होते हैं. 

जब वो नन्ही परी चलना शुरू करती है, तुतलाके बोलती है, उसकी मासूम सी मुस्कुराहट और शरारते, इन सब में वो अपना बचपन ढूँढती है. माँ और बेटी का रिश्ता दुनियाँ के सभी रिश्तों से अनमोल रिश्ता है जैसे आत्मा और परमात्मा का,दिल और धड़कन का बेटी माँ के दिल का टुकड़ा होती है. बरती रूप में माँ खुद एक नया बचपन जीती है .

कितने मधुर अहसास छिपे होते है इस प्यारे रिश्ते में . थोड़ी सी भी तकलीफ़ माँ को हो तो बेटी दुखी होगी यदि छोटी से खरोंच भी बेटी को आ जाए तो माँ तडफ उठती हैं. माँ और बेटी एक अच्छी दोस्त भी होती हैं दोनो अपनी हर छोटी से छोटी बात एक दूसरे से साँझा करती हैं.


माँ ही बेटी की पहली शिक्षक होती है .बेटी को अच्छे संसकार माँ से ही मिलते हैं. माँ बेटी को जिंदगी में आने वाली सभी मुश्किलों से निपटना भी सीखाती है. आज की बेटी पढ़ी लिखी कमाती है, माँ के हर दुख सुख में काम आती है बेटों से बढ़ के आज वो उसके बुढ़ापे की लाठी बनती है. बहुत बार देखा है की बेटे बूढ़े माँ बाप तक नहीं पहुँच पाते जब जरुरत की घडी होती है किन्तु बेटियाँ हर हालत में माँ बाप तक पहुँचती है...ये रिश्ता वे अपनी खुशियों में सबसे ऊपर शुमार करती हैं. वास्तविकता तो ये है की बेटियाँ माँ और बाप के लिए खुद माँ ही बन जाती हैं.


माँ बेटी का अजब है नाता 

जिसमें केवल प्रेम का खाता 

सब जग संबंधों से ऊँचा है 

ये माँ बेटी का रिश्ता नाता 

जिसको माँ ने गोद खिलाया 

उसने माँ का क़र्ज़ चुकाया 

अमर प्रेम का रिश्ता है ये 

ये माँ बेटी का रिश्ता नाता

3 comments:

  1. माँ बेटी का अजब है नाता
    जिसमें केवल प्रेम का खाता
    सब जग संबंधों से ऊँचा है
    ये माँ बेटी का रिश्ता नाता,,,,,,

    वाह ,,,, बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,,
    आप वर्डवेरीफिकेसन हटा ले,...कमेंट्स देने में परेशानी एवं समय बर्वाद होता है ,..
    RECENT POST काव्यान्जलि ...: किताबें,कुछ कहना चाहती है,....

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  2. बिलकुल सच लिखा है आपने जिसने बेटी को गौद खिलया उसने माँ का कर्ज़ चुकाया...एक बेटी जो माँ-बाप के लिए कर सकती है वो एक बेटा कभी नहीं कर सकता बहुत ही सुंदर भावपूर्ण मार्मिक अभिव्यक्ति....एक अनुरोध है कृपया हो सके तो अपनी इस पोस्ट का font थोड़ा बड़ा कर दीजिये॥धन्यवाद

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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