Tuesday, September 4, 2012

मेरे सजदे का सितमगर ने ऐसा क्यों सिला दिया

उसने अपना कहके क्यों नज़र से मुझको गिरा दिया !!
मेरे सजदे का सितमगर ने ऐसा क्यों सिला दिया !!

याद में जिसकी बहाती रही, ये मेरी नादाँ आँखें आँसू !!
उस सितमगर ने क्यों, उम्रभर को मुझे सुलगा दिया !!

वो कहते हैं कि मुहब्बत एक खेल है उन के लिए !!
एक हँसी पर जिन्दगी को पलभर में मैंने लुटा दिया !!

तेरे प्यार की शमा जलाये रहे दिल में ता उम्र हम !! 
बना अपना मुझे क्यों जफा की आग में जला दिया !!

यकीं करूँ कैसे इस दुनियाँ में अब किस पर ज्योति !!
उस बेवफा ने दिल का घरोंदा मिटटी में मिला दिया !! 

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