जिंदगी अभी तक मिली ही नहीं ,
एक बार देखि थी छोटी सी झलक
लगा था जैसे पा लिया है उसको
न जाने कहाँ छिप गयी ......वह
पथरा गयीं हैं आँखें....राह तकते
साँस फूलने लगी है सीने में अब
बाट जोहते हुए..... जिंदगी तेरी
कहीं ऐसा न हो ...फिर कि तुम
मुझे खोजो और मैं खो जाऊं कहीं
जिंदगी जब तक सांस है तन में
आस है मिलने की तुमसे मुझे
टब कब मिलोगी, कहो न .कहो न
जिंदगी मिलती नहीं ... उसे छीनना होता है ...
ReplyDeleteभावमय ...
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